Tech

Kerala Monsoon 2021 News: Indian Meteorological Department (IMD) Forecast Latest Report | इस मॉनसून सीजन में सामान्य रहेगी बारिश, मौसम विभाग ने दिया अनुमान, अल नीनो या ला नीना का असर नहींं होगा


Adverts से है परेशान? बिना Adverts खबरों के लिए इनस्टॉल करें दैनिक भास्कर ऐप

9 घंटे पहले

  • कॉपी लिंक
1 1618588790 - Scoaillykeeda.com

इस साल बारिश सामान्य रहने वाली है, यह अनुमान भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने दिया है। उसके मुताबिक इस मॉनसून सीजन में लॉन्ग टर्म एवरेज के 98% के बराबर बारिश हो सकती है। पिछले दो साल से मॉनसून सीजन में सामान्य से ज्यादा बारिश हो रही थी। लगातार तीसरे साल सामान्य मॉनसून का अनुमान फील गुड फैक्टर पैदा करेगा। देश के जाने-माने कृषि विशेषज्ञ देवेंद्र शर्मा यह बात ने कही है।

इस साल अल नीनो का असर कम रहने की संभावना

मौसम विभाग ने अपने अनुमान में इस साल अल नीनो या ला नीना का असर नहींं रहने की बात कही है। उसने देश के ज्यादातर हिस्सों में मॉनसून की बारिश सामान्य रहने का अनुमान दिया है। मौसम विभाग मई में पूरे सीजन के अलावा जून और सितंबर के मासिक अनुमान जारी करेगा।

प्राइवेट एजेंसी ने दिया 103% बारिश होने का अनुमान

मौसम विज्ञान से पहले प्राइवेट एजेंसी स्काईमेट ने मानसून को लेकर अनुमान जारी किया है। स्काईमेट ने भी इस साल मॉनसून सीजन में बारिश सामान्य रहने का अनुमान जताया है। लेकिन उसने इस साल लॉन्ग टर्म एवरेज के 103% के बराबर बारिश होने की बात कही है।

तीन साल में पहली बार बारिश सामान्य रहने की संभावना

IMD ने कहा है कि पिछले तीन साल में दो बार मानसून सीजन में बारिश औसत से ज्यादा रही है। उसके मुताबिक इस बार बारिश सामान्य रह सकती है। यह कोविड की दूसरी लहर पर रोकथाम के वास्ते लगाए गए लॉकडाउन और तमाम पाबंदियों के बीच सुकून पहुंचाने वाला है।

96% से 104% के बीच बारिश सामान्य मानी जाती है

मौसम विभाग ने जो अनुमान दिया है उसके अनुसार जून से सितंबर तक लॉन्ग टर्म एवरेज के 96% से 98% के बीच बारिश हो सकती है। जिस साल बारिश 96% से 104% के बीच होती है, उस साल मॉनसून सीजन सामान्य माना जाता है।

मौसम विभाग ने दिया बारिश 98% रहने का अनुमान

मिनिस्ट्री ऑफ अर्थ साइंसेज के सेक्रेटरी माधवन राजीवन ने कहा, ‘जून से सितंबर के बीच मॉनसून सीजन में बारिश सामान्य रहने का अनुमान है। वह अपने लॉन्ग टर्म एवरेज के 98% बराबर रह सकती है और 5% ऊपर या नीचे की गुंजाइश भी हो सकती है।’

1961 से 2010 के बीच 88 सेंटीमीटर रहा है लॉन्ग टर्म एवरेज ​​​​​​

परिभाषा के मुताबिक, मॉनसूनी बारिश का लॉन्ग टर्म एवरेज 1961 से 2010 के बीच 88 सेंटीमीटर रहा है। राजीवन ने बताया कि मौसम विभाग मासिक अनुमान जारी करने के लिए अब सांख्यिकी आंकड़ों के बजाय डायनेमिक मल्टी मॉडल एन्सेंबल (MME) फ्रेमवर्क यूज करता है।

कृषि प्रधान राज्यों के लिए पूर्वानुमान का अलग मॉडल

राजीवन ने बताया कि जून से सितंबर तक अगले चार महीने का मासिक अनुमान इसी सिस्टम का इस्तेमाल करके मई के अंतिम हफ्ते में तैयार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि IMD मॉनसून कोर जोन (MCZ) के लिए अलग से अनुमान देने के लिए एक मॉडल बना रहा है। MCZ के लिए दिया जाने वाला अनुमान कृषि प्रधान राज्यों के लोगों के लिए खेती-बाड़ी की योजना बनाने में मददगार होगा।

2015 में स्काईमेट का पूर्वानुमान बुरी तरह फेल हुआ

सरकारी और प्राइवेट एजेंसी में मौसम के अनुमान को लेकर एक तरह की खींचतान चल रही है। 2015 में स्काईमेट ने LPA के 102% जबकि मौसम विभाग ने 93% के बराबर बारिश होने की संभावना जताई थी। लेकिन उस साल स्काईमेट का पूर्वानुमान बुरी तरह फेल हुआ था क्योंकि सीजन में बारिश सिर्फ 86% हुई।

छह साल पहले अनुमान से 16% कम रही थी बारिश

2015 के लिए स्काईमेट का दिया अनुमान 10 साल में सबसे खराब था क्योंकि बारिश उसके अनुमान से 16% कम रही थी। हालांकि उस साल भारतीय मौसम विभाग ने जो अनुमान दिया था, बारिश उससे 7% कम रही थी। वह आमतौर पर असल बारिश अनुमान से 5% ऊपर नीचे होने की गुंजाइश की बात भी कहता है।

सामान्य मॉनसून का अनुमान खेती के लिए अच्छी खबर
देश के जाने-माने कृषि विशेषज्ञ देवेंद्र शर्मा के मुताबिक, लगातार तीसरे साल सामान्य मॉनसून का अनुमान एक फील गुड फैक्टर पैदा करेगा। यह कोविड के चलते बने उदासी भरे माहौल में खेती-किसानी से लेकर इकोनॉमी तक, सबके लिए अच्छी खबर है। मॉनसून की बारिश अनुमान के मुताबिक रहने पर पिछले साल मंदी के दौरान इकोनॉमी को सपोर्ट देने वाले कृषि क्षेत्र को इस बार भी जोरदार बढ़ावा मिलेगा।
उत्तर-पूर्व के लिए सरकार को सक्रियता दिखाने की जरूरत

IMD ने कहा है कि पूर्व और पूर्वोत्तर के राज्यों को छोड़ देश के बाकी इलाकों में बारिश सामान्य रह सकती है। ऐसे में देवेंद्र का कहना है कि वहां खेती किसानी करने वालों की सहूलियत के लिए सरकार की तरफ से अभी से सक्रियता से कदम उठाने की जरूरत है। उनको बीज से लेकर मार्केटिंग तक की सुविधाओं तक के मोर्चे पर सपोर्ट देने की जरूरत है।

खबरें और भी हैं…

MORE:   Sebi fined CAT for GDR, sebi penalty GDR, Sebi Cat matter, Cat technology share | कैट टेक्नोलॉजी के GDR में गड़बड़ी, 13.55 करोड़ रुपए की फाइन, एप्टेक पर 1 करोड़ का जुर्माना

Socially Keeda

Socially Keeda, the pioneer of news sources in India operates under the philosophy of keeping its readers informed. SociallyKeeda.com tells the story of India and it offers fresh, compelling content that’s useful and informative for its readers.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker