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- Indias Gasoline Consumption Fell 9.1% In FY21; First Since 1998 99, Petrol, Diesel Demand
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नई दिल्ली4 घंटे पहले
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डीजल की खपत पूरे वित्त वर्ष के दौरान 12% घटकर 72.72 मिलियन टन रहा, जबकि पेट्रोल की डिमांड 6.7% कम होकर 27.95 मिलियन टन रहा। -फाइल फोटो
कोरोना महामारी के चलते देश में पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स की खपत 20 साल में पहली बार 9.1% घटा। इसकी वजह सख्त लॉकडाउन और कोरोना का डर माना जा रहा है। वित्त वर्ष 2020-21 में पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स की कुल खपत 194.63 मिलियन टन रहा, पिछले साल यह 214.12 मिलियन टन रहा था। सरकार की ओर से यह जानकारी शुक्रवार को जारी किया गया। फ्यूल खपत में इतनी बड़ी गिरावट 1998-99 के दौरान देखने को मिला था।
डीजल-पेट्रोल की खपत घटी
देश में सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाने वाले फ्यूल डीजल की खपत सबसे ज्यादा घटी। डीजल की खपत पूरे वित्त वर्ष के दौरान 12% घटकर 72.72 मिलियन टन रहा, जबकि पेट्रोल की डिमांड 6.7% कम होकर 27.95 मिलियन टन रहा। इस दौरान रसोई गैस की खपत पॉजिटिव रही। इसकी डिमांड 4.7% बढ़कर 27.59 मिलियन टन रहा, जो पिछले वित्त वर्ष में 26.33 मिलियन टन रहा था।
सख्त लॉकडाउन का बुरा असर
वित्त वर्ष की शुरुआत यानी मार्च में लगे देशव्यापी लॉकडाउन में फैक्ट्रियों के साथ-साथ अन्य सभी कारोबार ठप हो गए थे। इसके अलावा लगभग सभी प्रकार के ट्रांसपोर्टेशन, ट्रेन और फ्लाइट का परिचालन रोक दिया गया था। यह जून के शुरुआती दिनों तक रहा। जून के बाद से सरकार ने अनलॉक प्रक्रिया के तहत कई रियायतें दी। लेकिन तब तक देश की आर्थिक बुरी तरह प्राभावित हुई।
आर्थिक स्थिति भी बिगड़ी
पहली तिमाही में GDP में ऐतिहासिक 23.9% की गिरावट दर्ज की गई। पूरे वित्त वर्ष में यह 7-8% तक गिरावट की आशंका है। वहीं कोरोना की दूसरी लहर से एक बार फिर देश आर्थिक रिकवरी को झटका लग सकता है।
इस साल मार्च में खपत के आंकड़े सुधरे
2021 में मार्च के दौरान फ्यूल डिमांड के आंकड़े अच्छे हैं, क्योंकि पिछले साल मार्च में महामारी के चलते डिमांड की स्थिति अच्छी नहीं थी। आंकड़ों के मुताबिक मार्च 2021 में फ्यूल डिमांड 18% बढ़कर 18.77 मिलियन टन रहा। इसमें पेट्रोल की खपत सालभर पहले की तुलना में 25.7% और डीजल की 27% बढ़ी है।
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