
पीरियड्स के दौरान हैवी फ्लो एक महिला को कई तरीके से परेशान कर सकता है। दाग लगने की चिंता से लेकर, क्रैम्प्स और मूड में बदलाव आदि, इन सब के चलते महिलाओं को न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक परेशानी का भी सामना करना पड़ता है। हालांकि सभी महिलाओं के लिए पीरियड्स एक जैसे नहीं होते हैं। कुछ महिलाओं को दर्द निवारक दवाओं या हाॅट बैग की सिकाई से आराम मिल जाता है, जबकि कुछ महिलाओं में तनाव की समस्या बनी होती है, जिसके कारण वो ठीक से सो भी नहीं पाती हैं।
कई माहिलाएं इन सब समस्याओं पर ठीक से खुलकर बात भी नहीं कर पाती हैं। पर महिलाओं को अपनी इन परेशानियों के बारे में खुल कर बात करनी चाहिए। कई युवतियों को बहुत हैवी ब्लीडिंग होती है और वे समझ नहीं पाती हैं कि इसे मैनेज कैसे करें। जिससे रोजमर्रा के काम जैसे स्कूल, खेल-कूद और अन्य गतिविधियों में रूकावटे आती हैं, वे पीरियड्स के दौरान, इन सभी चीजों को मिस कर देना चाहती हैं। कई महिलाओं को ऑफिस जाने में भी परेशानी महसूस होती है, लेकिन अगर वे सही सैनिटरी पैड चुनें और समझ लें कि उन्हें हैवी फ्लो को किस तरह मैनेज करना है, तो तनाव को काफी हद तक कम किया जा सकता है।
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पीरियड्स के स्ट्रेस को आसान बनाने के टिप्स
सेहतमंद आहार लें
पीरियड्स के दौरा सेहतमंद आहार बहुत जरूरी है, इससे आपके शरीर को सभी जरूरी पोषक तत्व मिलते हैं। हालांकि सिर्फ पीरियड्स के दौरान ही नहीं, बल्कि हमेशा सेहतमंद आहार का सेवन करना बहुत महत्वपूर्ण है, इससे आपकी इम्युनिटी अच्छी होगी, जिससे आप कई गंभीर बीमारियों से आसानी से लड़ सकते हैं। पीरियड्स के दौरान इम्युनिटी कम हो जाती है और इन्फेक्शन की संभावना बढ़ जाती है। ऐसे में सेहतमंद आहार आपको न केवल इन्फेक्शन से सुरक्षित रखता है, बल्कि क्रैम्प्स को झेलने की मजबूती भी देता है।
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अपने मूड को ठीक रखने के लिए व्यायाम करें
पीरियड्स के दौरान होने वाले मूड स्विंग को को कम करने के लिए कुछ एक्सरसाइज और मेडिटेशन किया जा सकता है। इसलिए अपने व्यायाम को दिनचर्या में बनाए रखें। पीरियड्स के दौरान सरल व्यायाम करें, विभिन्न प्रकार के ईजी वर्कआउट करें। हो सके तो एक बार अपने डॉक्टर की भी सलाह लें कि आपको कौन सी एक्सरसाइज करनी चाहिए। यदि आप शारीरिक रूप से सक्रिय रहेंगी तो पीरियड्स के कारण होने वाली परेशानियां कम करने में मदद मिलेगी।
अगर आपके मूड में बदलाव आते हैं तो उससे सही तरीके से निपटने की कोशिश करें
बहुत सी महिलाएं पीरियड्स से पहले या उन दिनों में चिड़चिड़ापन, गुस्सा और मूड मे बदलाव महसूस करती हैं। इससे निपटने के लिए बार-बार कम मात्रा में खाएं कैफीन, शराब के सेवन से बचें, अपने शौक के अनुसार जो अच्छा लगे वो करें। इन सब से पीरियड्स का तनाव कम करने में मदद मिलेगी। पीरियड्स के दौरान होने वाले तनाव को कम करने के लिए आप कोशिश करें कि अपना ध्यान उस जगह से हटाने की कोशिश करें। अगर आपको कुछ पढ़ने का शौक है, तो वो करें। मनपसंद गाना सुनें। आपको पीरियड्स हो रहे हैं, ये सोचकर घर पर ही न बैठें, दोस्तों से मिलें और बात करें। अपनी सभी जरूरी कामों को भी रोज की तरह करने की कोशिश करें। ऐसा करने से आपका तनाव काफी हद तक कम होगा।
हाइजीन का खास ध्यान रखें
पीरियड्स के समय अपने आप को साफ रखना बहुत ज़रूरी है, ताकि आप हैवी फ्लो में भी अपने आप को ड्राय महसूस करें। इसके लिए गुप्तांगों को नियमित रूप से गुनगुने पानी से धोना पर्याप्त है। साबुन या वैजाइनल हाइजीन प्रोडक्ट्स का उपयोग न करें क्योंकि ये प्रोडक्ट्स आपके गुप्तांगों को नुकसान पहुंचा सकते हैं। हर 4-6 घण्टे में पैड बदलती रहें, ताकि रैश या इन्फेक्शन की संभावना न रहे।
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हैवी फ्लो के दिनों में सही पैड चुनें
हैवी फ्लो के दिनों में रैश और खुजली की संभावना अधिक होती है, जिससे पीरियड्स की परेशानी और बढ़ जाती है। इसलिए जरूरी है कि अपने फ्लो और त्वचा के प्रकार के अनुसार सही पैड चुनें। हैवी फ्लो के दिनों के लिए साॅफ्ट लेयर वाला सुपर एब्जोर्बेन्ट पैड इस्तेमाल करें।
हाइजीन मेंटेन करना है जरूरी
पीरियड्स के दौरान हाईजीन का ध्यान रखना बहुत जरूरी है। इसलिए जरूरी है कि हर 4 घंटे में पैड को बदलें और ध्यान रखें कि पैड को ज्यादा लंबे समय तक न यूज करें, नहीं तो इससे इंफेक्शन के होने का अधिक खतरा रहता है। इससे कई तरह की गंभीर बीमारियां हो सकती हैं। इसी साथ सैनिटरी पैड्स तक पहुंच सुनिश्चित करने के साथ-साथ उसके डिस्पोज के लिए एक सिस्टम भी हो।
खूब पानी पीएं
पीरियड्स के दौरान शरीर में रक्त का स्तर कम हो जाता है, इसलिए रोजाना 8-10 गिलास पानी पीएं। इससे आपको क्रैम्प और पीठ दर्द से भी आराम मिलेगा। अपने शरीर में नमक का सही संतुलन बनाए रखने के लिए इलेक्ट्रोलाईट जैसे गैटोरेड का सेवन करें। पानी पीने से शरीर की और भी बीमारियां बाहार निकलती है। इससे आपको वेट लॉस में भी
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