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ड्रग इंटरैक्शन से बचने के लिए इन बातों का ध्यान रखना है जरूरी?

हम ऐसी दुनिया में रहते हैं जहां विभिन्न प्रकार की असरकारक दवाओं का उपयोग कई हेल्थ कंडिशन के इलाज में किया जाता है। जिनमें से कई हेल्थ कंंडिशन ऐसी भी हैं जिनके बारे में हमें पहले पता भी नहीं था। अगर ड्रग यूजेज की बात की जाए तो सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) के अनुसार 2013-2016 के बीच में लगभग 48.4% अमेरिकियों ने  30 दिन में कम से कम एक बार प्रिस्क्रिप्शन ड्रग का यूज किया। यह जानकर बहुत सुकून मिलता है कि हमारी कई सामान्य और गंभीर बीमारियों को दूर करने के दवाओं के कई विकल्प मौजूद हैं, लेकिन दवाओं की प्रभावशाली उपलब्धता से दवा के इंटरैक्शन की संभावना भी बढ़ जाती है, जो हमारे लिए बेहद खतरनाक हो सकती है। आगे जानते हैं ड्रग इंटरैक्शन क्या है?

ड्रग इंटरैक्शन (Drug interactions) क्या है?

ड्रग इंटरैक्शन में अन्य पदार्थों के साथ दवा का संयोजन शामिल होता है जो बॉडी पर ड्रग के प्रभाव को बदलता है। इससे दवा का असर उम्मीद से बहुत ज्यादा या कम हो सकता है। इसके साथ ही इससे अनएक्सपेक्टेड साइड इफेक्ट्स भी हो सकते हैं।

अगर आप कई हेल्थ कंडिशन के लिए कई सारी दवाओं का यूज करते हैं और एक से अधिक डॉक्टर्स से इलाज करवा रहे हैं तो आपको अपनी दवाओं को लेकर बेहद सतर्क रहने की जरूरत है। आपको ये सुनिश्चित करने की जरूरत है कि आप जिन भी दवाओं का यूज कर रहे हैं उनके बारे में उन सभी डॉक्टर्स को पता हो जिनसे आप इलाज करवा रहे हैं। डॉक्टर को आपके द्वारा उपयोग किए जा रहे ड्रग्स, हर्ब्स, सप्लिमेंट्स और विटामिन्स के बारे में भी सही जानकारी होनी चाहिए।

अगर आप सिर्फ एक मेडिकेशन पर हैं तो भी अपने डॉक्टर या फार्मसिस्ट से इस बारे में बात करें ताकि किसी प्रकार के इंटरैक्शन को टाला जा सके। ऐसा प्रिस्क्रिप्शन और नॉनप्रिस्क्रिप्शन दोनों ड्रग्स के लिए करें। जब भी आप प्रिस्क्रिप्शन या नॉनप्रिस्क्रिप्शन ड्रग्स का यूज करें तो उसके लेबल को पढ़ें। इसको समझने में आपको थोड़ा टाइम लग सकता है, लेकिन इसके बारे में थोड़ा जागरूक होकर और जानकारी रखकर आप इस प्रकार के इंटरैक्शन से बच सकते हैं जो आपकी सेहत के लिए बेहद हानिकारक हो सकता है।

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ड्रग इंटरैक्शन के प्रकार

ड्रग इंटरैक्शन मुख्यत: तीन प्रकार के होते हैं। चलिए जानते हैं इनके बारे में।

1.ड्रग से ड्रग का इंटरैक्शन (Drug-drug interactions)
2.ड्रग का फूड से इंटरैक्शन (Drug-food/beverage interactions)
3.ड्रग का हेल्थ कंडिशन से इंटरैक्शन (Drug-condition interactions)

1.ड्रग से ड्रग का इंटरैक्शन (Drug-drug interactions)

ड्रग इंटरैक्शन
दवाओं के इंटरैक्शन से कैसे बचें?

ऐसा तब होता है जब दो या इससे ज्यादा ड्रग आपस में रिएक्ट करते हैं। ड्रग से ड्रग के इंटरैक्शन से कई प्रकार के साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं। उदाहरण के लिए अगर आप अच्छी नींद के लिए एक दवा का उपयोग करते हैं और साथ ही एलर्जी के लिए दूसरी दवा का तो यह मिक्सिंग आपके रिएक्शन को स्लो कर सकती है और कार ड्राइविंग और मशीन को ऑपरेट करना मुश्किल बना सकती है।
इसके साथ ही ड्रग का नॉनप्रिस्क्रिप्शन ड्रग्स के साथ भी इंटरैक्शन हो सकता है। जिसमें ओवर द काउंटर दवाएं, हर्ब्स, विटामिन्स और सप्लिमेंट्स शामिल हैं।

2.ड्रग का फूड से इंटरैक्शन (Drug-food/beverage interactions)

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दवाओं के इंटरैक्शन फूड्स के साथ

यह इंटरैक्शन तब होता है जब दवाएं फूड्स या ड्रिंक्स के साथ इंटरैक्ट करती हैं। उदाहरण के लिए कुछ दवाओं के साथ एल्कोहॉल को लेने से आप थकान और सुस्ती अनुभव महसूस कर सकते हैं। इसके अलावा कुछ दवाएं कुछ फूड्स और जूस के साथ भी इंटरैक्ट कर सकती है। जैसे कुछ हाई कोलेस्ट्रॉल के लिए उपयोग होने वाली दवाएं अंगूर के जूस के साथ इंटरैक्ट कर सकती हैं।

3.ड्रग का हेल्थ कंडिशन से इंटरैक्शन (Drug-condition interactions)

ड्रग इंटरैक्शन

यह इंटरैक्शन तब होता है जब कुछ विशेष हेल्थ कंडिशन में कुछ दवाओं का उपयोग हार्मफुल हो जाता है। उदाहरण के लिए अगर आप हाय ब्लड प्रेशर की समस्या से ग्रसित हैं तो आप नेजल डिकंजस्टेंट (nasal decongestant) यानी नाक से ली जाने वाली सर्दी-खांसी की दवा लेते हैं तो आपको कुछ अनचाहे रिएक्शन देखने को मिल सकते हैं।

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अन्य इंटरैक्शन

कुछ मेडिकेशन स्पेसिफिक लेबोरेट्री टेस्ट के साथ भी इंटरैक्ट कर सकते हैं। जिनकी वजह से टेस्ट का रिजल्ट सही नहीं आता। उदाहरण के लिए ट्रायसाइक्लिक एंटीडिप्रेसेंट्स स्किन प्रिक टेस्ट में इंटरफेयर कर सकता है जो कि कुछ एलर्जीज की जांच के लिए किया जाता है।

ड्रग इंटरैक्शन के लिए जिम्मेदार अन्य फैक्टर्स

1.जेनेटिक्स

जेनेटिक कारणों की वजह से भी कई ड्रग हर बॉडी में अलग तरह से रिएक्ट करते हैं। किसी पार्टिकुलर जेनेटिक कोड के चलते कुछ लोगों में दवा की प्रॉसेस जल्दी तो कुछ में देर से होती है। आपका डॉक्टर बताएगा कि आपके लिए सही डोज देने के लिए किसी दवा के लिए जेनेटिक टेस्टिंग की जरूरत है।

2.वजन

कुछ दवाओं का डोज व्यक्ति के वजन के अनुसार तय किया जाता है। वजन में बदलाव डोज को प्रभावित कर सकता है। साथ ही ड्रग इंटरैक्शन के रिस्क को घटा या बढ़ा सकता है। अगर आपको वजन में बदलाव आया है तो कुछ मेडिकेशन के लिए आपको अलग डोज लेने होंगे। इस बारे में डॉक्टर को जानकारी दें।

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3.उम्र

उम्र के साथ शरीर में कई बदलाव आते हैं। इसमें हम मेडिकेशन के प्रति कैसे रिस्पॉन्स करते हैं भी एक है। किडनी, लिवर और सर्क्युलेशन सिस्टम उम्र के साथ धीमा पड़ सकता है। जिसकी वजह से बॉडी से ड्रग्स का ब्रेकडाउन और रिमूवल स्लो और अफेक्ट होता है।

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4.जेंडर

जेंडर भी ड्रग इंटरैक्शन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जेंडर में अंतर जैसे कि एनाटॉमी और हॉर्मोन ड्रग इंटरैक्शन में बड़ा रोल प्ले करते हैं। उदाहरण के लिए जोलपिडेम (Zolpidem) को महिलाओं को पुरुषों की तुलना में हाफ रिकमंड किया गया क्योंकि रिसर्च में ऐसा पाया गया कि महिलाओं के सिस्टम में सुबह के समय हाई लेवल ड्रग रहता है जो कि ड्राइविंग जैसी एक्टिविटीज को प्रभावित कर सकता है।

5.लाइफस्टाइल

कुछ विशेष प्रकार की डायट परेशानी का कारण बन सकती हैं अगर वे मेडिकेशन के साथ ली जाती हैं। कुछ रिसर्च में ये बात सामने आई है कि हाय फैट इंटेक ब्रोंकोडायलेटर्स के रिस्पॉन्स को कम कर सकता है। जिसे लोग अस्थमा के ट्रीटमेंट के लिए यूज करते हैं। एक्सरसाइज भी मेडिकेशन के कार्य में बदलाव कर सकती है। उदाहरण के लिए जो लोग डायबिटीज के उपचार के लिए इंसुलिन का उपयोग करते हैं वे एक्सरसाइज के दौरान लो ब्लड शुगर लेवल का अनुभव कर सकते हैं।

इसके साथ ही स्मोकिंग भी कुछ ड्रग्स के मेटाबॉलिज्म को प्रभावित कर सकती है। अगर आप कोई भी नया मेडिकेशन शुरू करते हैं तो डॉक्टर को इस बारे में जरूर बताएं कि आप स्मोक करते हैं। अगर आप स्मोकिंग छोड़ने का सोच रहे हैं तो भी इस बारे में डॉक्टर को बताएं।

6.कितने समय से ड्रग ले रहे हैं?

बॉडी कुछ ड्रग्स के लिए टॉलरेंस विकसित कर लेती है, वहीं कुछ ड्रग्स कुछ समय के बाद खुद की बॉडी की मदद करते हैं प्रॉसेस होने में। इसलिए डोसेज को एडजस्ट किया जा सकता है यदि आप इसे लंबे समय से ले रहे हैं। उदाहरण के लिए पेन किलर ड्रग्स और एंटीसीजर ड्रग्स।

7.डोज

डोज से मतलब होता है कि दवा की निश्चित मात्रा निश्चित समय के लिए रिकमंड की गई है। जैसे कि दिन में एक बार या दो बार। दो लोगों को एक ही दवा अलग-अलग डोज के साथ दी जा सकती है। डॉक्टर ही सही डोज को निर्धारित कर सकते हैं। इसलिए डॉक्टर से कंसल्ट किए बिना डोज को कम या ज्यादा न करें।

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8.फॉर्मूलेशन

किसी भी दवा का फॉर्मूलेशन उन इंग्रीडेंट का मिक्चर है तो ड्रग में पाए जाते हैं। इंग्रीडेंट पर ही निर्भर करता है कि कोई ड्रग बॉडी में कैसे एक्ट करेगा और इसका प्रभाव कितना होगा

9.दवा लेने का ऑर्डर

कुछ दवाओं के रिएक्शन को कम किया या टाला जा सकता है अगर उन्हें सही और अलग समय पर लिया जाए। कुछ दवाएं दूसरी दवा के एब्जॉप्शन को कम या प्रभावित कर सकती हैं अगर उन्हें एक साथ या उनको लेने का समय आसपास ही हो। जैसे कि कैल्शियम टैबलेट्स एंटीफंगल मेडिकेशन के एब्जॉप्शन को रोक सकती है।

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दवाओं के इंटरैक्शन से बचने के लिए इन बातों पर दें ध्यान

जब भी आप कोई नई दवा लेना शुरू करें चाहे वह प्रिस्क्रिप्शन ड्रग हो या नॉन प्रिस्क्रिप्शन ड्रग, हर्बल सप्लिमेंट हो या आयुर्वेदिक, विटामिन्स हो या ओटीसी ड्रग अपने डॉक्टर से कुछ सवालों को जरूर पूछें।

  • क्या मैं इस दवा को दूसरी दवाओं के साथ ले सकता हूं?
  • क्या मुझे कुछ निश्चित फूड्स इस दवा के साथ नहीं लेना चाहिए?
  • ड्रग इंटरैक्शन के कुछ निश्चत लक्षण कौन से हैं जिनके बारे में मुझे जानकारी होनी चाहिए?
  • दवा बॉडी में काम कैसे करती है?
  • क्या इस ड्रग और मेरी हेल्थ कंडिशन के बारे में मेडिकल लिटरेचर में जानकारी उपलब्ध है?

दवाओं के इंटरैक्शन से बचने के लिए पढ़ें ड्रग लेबल

ओवर द काउंटर ड्रग लेबल्स पर इंग्रीडेंट्स, यूज और वॉर्निंग जैसी जानकारी होती है। उसे पढ़ना और समझना जरूरी है। कई बार लेबल पर पॉसिबल ड्रग इंटरैक्शन के बारे में भी जानकारी होती है। इनको आपको जरूर पढ़ना चाहिए।

एक्टिव इंग्रीडेंट्स “Active Ingredients” और पर्पज “Purpose” 

  • यहां पर एक्टिव इंग्रीडेंट्स का नाम और मात्रा होती है।
  • एक्टिव इंग्रीडेंट्स का उपयोग किसलिए किया गया है बताया गया होता है।

यूजेज “uses”

  • इसमें बताया जाता है कि ड्रग किसके लिए यूज की जाती है। अपने लक्षणों के आधार पर आप उपयोगी ड्रग चुन सकते हैं।

“Warnings” वॉर्निंग

इस सेक्शन में ड्रग इंटरैक्शन और प्रिकॉशन होते हैं। जैसे कि :

  • दवा लेने से पहले डॉक्टर से कब बात करनी चाहिए?
  • किन मेडिकल कंडिशन में दवा नहीं लेना चाहिए?
  • दवा को लेना कब बंद करना है?

इसके साथ ही आपको डायरेक्शन सेक्शन, इनएक्टिव इंग्रीडेंट्स और अदर इंफॉर्मेशन सेक्शन को भी पढ़ना चाहिए। ताकि दवाओं के इंटरैक्शन को टाला जा सके।

उम्मीद करते हैं कि आपको यह आर्टिकल पसंद आया होगा और दवाओं के इंटरैक्शन से संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।

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